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कृष्ण भजन
मुरली वाले बजा दे मुरली रस की भरी,
मुरली वाले बजा दे मुरली रस की भरी।
मधुर सुरों वाली मुरली से,
बहती अमृत धारा, बहती रे अमृत धारा,
राधा नाचे, गोपी नाचे, नाचे गोकुल सारा,
नाचे रे गोकुल सारा,
वो मुरली सुन नारद नाचे....
वो मुरली सुन नारद नाचे कह के हरि-हरि,
मुरली वाले बजा दे मुरली रस की भरी।
जय मुरलीधर जय घनश्याम,
जय मनमोहन राधे श्याम,
श्याम श्याम बोलो जी राधे श्याम बोलो,
श्याम श्याम बोलो जी राधे श्याम बोलो,
जय मुरलीधर जय घनश्याम,
जय मनमोहन राधे श्याम।
श्याम सुन्दर की जादू भरी बंसी,
सबको बेबस कर देती है,
जड़-चेतन सभी थिरकने लगते है,
अखण्ड समाधि लगाने वाले महायोगेश्वर,
शंकर जी भी झूमने लगते है,
सारा ब्रह्माण्ड नाचने लगता है।
ब्रह्मा नाचे, शंकर नाचे, नाचे सुर-मुनि सारे,
नाचे सुर-मुनि सारे,
सूर्य, चंद्रमा, धरती नाचे, नाचे नभ के तारे,
नाचे नभ के तारे,
मधुर तान जब पड़ी कान में...
मधुर तान जब पड़ी कान में सारी सुध बिसरी,
मुरली वाले बजा दे मुरली रस की भरी।
जय मुरलीधर जय घनश्याम,
जय मनमोहन राधे श्याम,
श्याम श्याम बोलो जी राधे श्याम बोलो,
श्याम श्याम बोलो जी राधे श्याम बोलो,
जय मुरलीधर जय घनश्याम,
जय मनमोहन राधे श्याम।
लो बज उठी रसीली मुरली,
गोपियाँ अपने को रोक ना सकी,
दौड़ कर जमुना किनारे जा पहुंची,
मंद-मंद बहने वाली जमुना की लहरें,
चंचल हो उठी, गायें चरना भूल कर,
अपने गोपाल के पास गयी।
बंसी सुनकर वन की गाएँ,
दौड़ी दौड़ी आएँ
जमुना जी की चंचल लहरें,
थिरक-थिरक हर्षाए....
थिरक-थिरक हर्षाए,
हरी दर्शन को व्याकुल गोपी....
हरी दर्शन को व्याकुल गोपी,
जो जल बिन मछली,
मुरली वाले बजा दे मुरली रस की भरी।
मधुर सुरों वाली मुरली से,
बहती अमृत धारा, बहती रे अमृत धारा,
राधा नाचे, गोपी नाचे, नाचे गोकुल सारा,
नाचे रे गोकुल सारा,
वो मुरली सुन नारद नाचे....
वो मुरली सुन नारद नाचे कह के हरि-हरि,
मुरली वाले बजा दे मुरली रस की भरी,
मुरली वाले बजा दे मुरली रस की भरी,
रस की भरी....मुरली वाले,
मुरली वाले बजा दे मुरली रस की भरी,
रस की भरी....मुरली वाले,
बजा दे मुरली रस की भरी।
जय मुरलीधर जय घनश्याम,
जय मनमोहन राधे श्याम,
श्याम श्याम बोलो जी राधे श्याम बोलो,
श्याम श्याम बोलो जी राधे श्याम बोलो,
जय मुरलीधर जय घनश्याम,
जय मनमोहन राधे श्याम,
जय मुरलीधर जय घनश्याम,
जय मनमोहन राधे श्याम।
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