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कान्हा बजाए बंसरी और
ग्वाले बजाएँ मंजीरे,
हो गोपियाँ नाचें छुमक-छुम,
ओ, ओ-ओ-ओ
कान्हा बजाए बंसरी और
ग्वाले बजाएँ मंजीरे,
हो गोपियाँ नाचें छुमक-छुम।
गोरे-गोरे हाथों में
कंगना खनके,
कंगना खनके,
हो कंगना खनके,
गोरे-गोरे हाथों में
कंगना खनके,
चंचल पाँओ में देखो
पैंजनिया छनके,
पैंजनिया छनके,
हो पैंजनिया छनके,
ढोलक धमाक बोले,
झाँझ भी झमाक बोले,
ढोलक धमाक बोले,
झाँझ भी झमाक बोले,
धूम मची है,
धूम मची है जमुना तीरे,
हो गोपियाँ नाचें छुमक-छुम।
कान्हा बजाए बंसरी और
ग्वाले बजाएँ मंजीरे,
हो गोपियाँ नाचें छुमक-छुम,
ओ, ओ-ओ-ओ
कान्हा बजाए बंसरी और
ग्वाले बजाएँ मंजीरे,
हो गोपियाँ नाचें छुमक-छुम।
ना तन का ध्यान रहा,
ना मन का ध्यान रे,
ना मन का ध्यान रे,
ना मन का ध्यान रे,
आज सभी सुन्दरियाँ,
भूली हैं भान रे,
भूली हैं भान रे,
भूली हैं भान रे,
सखियों के संग-संग,
ठनक रही है मृदंग,
पुलकित है अंग-अंग,
मन में उछले तरंग,
झुम-झूम कामिनियाँ,
ऐसी हुई बावली,
झुम-झूम कामिनियाँ,
ऐसी हुई बावली,
बालों कीं लट उलझी रे,
हो गोपियाँ नाचें छुमक-छुम।
कान्हा बजाए बंसरी और
ग्वाले बजाएँ मंजीरे,
हो गोपियाँ नाचें छुमक-छुम,
ओ, ओ-ओ-ओ
कान्हा बजाए बंसरी और
ग्वाले बजाएँ मंजीरे,
हो गोपियाँ नाचें छुमक-छुम।
छाया बृन्दाबन में,
आज अजब रंग है,
आज अजब रंग है जी,
आज अजब रंग है,
छाया बृन्दाबन में,
आज अजब रंग है,
धरती चकरा रही है,
आसमान दंग है,
आसमान दंग है जी,
आसमान दंग है,
कैसा है ये कमाल,
दसों दिशाएँ निहाल,
जमुना देती है ताल,
उड़ने लगी वेधमाल,
झुकने लगी डाल-डाल,
थम गई पवन की चाल,
१२ घोड़ों वाला सूरज का रथ भी,
१२ घोड़ों वाला सूरज का रथ भी,
चलने लगा रे धीरे-धीरे,
हो गोपियाँ नाचें छमक-छुम।
कान्हा बजाए बंसरी और
ग्वाले बजाएँ मंजीरे,
हो गोपियाँ नाचें छुमक-छुम,
ओ, ओ-ओ-ओ
कान्हा बजाए बंसरी और
ग्वाले बजाएँ मंजीरे,
हो गोपियाँ नाचें छुमक-छुम।।