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कृष्ण भजन
कान्हा.... कान्हा....
ओ रे कान्हा....
श्याम रंग रंगा रे,
हर पल मेरा रे।
मेरा मतवाला है मन,
मधुबन तेरा रे,
श्याम रंग रंगा रे,
हर पल मेरा रे।
जिस के रंग में रंगी वो मीरा,
रंगी थी राधा रे,
मैंने भी उस मनमोहन से,
बंधन बांधा रे।
हो ओ.....
श्याम रंग रंगा रे,
हर पल मेरा रे।
मेरी साँसों के ये फूल,
खिले है, तेरे ही लिए,
जीवन है पूजा की थाली,
नैना है दिए।
हो ओ.....
श्याम रंग रंगा रे,
हर पल मेरा रे।
मेरा मतवाला है मन,
मधुबन तेरा रे,
श्याम रंग रंगा रे,
हर पल मेरा रे।
नहीं चैन पड़े,
नहीं चैन पड़े,
देखे बिना तोहे कान्हा,
दिन बीते ना रैन ढले,
चैन पड़े, नहीं चैन पड़े,
मोहे काहे छले,
मोहे काहे छले,
अरे देखे बिना तोहे कान्हा,
दिन बीते, ना रैन ढले,
चैन पड़े, नहीं चैन पड़े,
कान्हा.... कान्हा....
सुने जमुना के तट,
सुने सारे पनघट,
आजा रे ओ कृष्ण कन्हैया,
सुने जमुना के तट,
सुने सारे पनघट,
आजा रे ओ कृष्ण कन्हैया,
रास रचैया, धेनु चरैया,
आजा बलराम के भैया,
कभी बने नटखट,
हाँ हाँ कभी बने नटखट,
हरे कभी संकट,
भक्तन के रखवइया,
भवसागर से नटनागर ये,
पार लगादे मेरी नैया।
सुने जमुना के तट,
सुने सारे पनघट,
आजा रे ओ कृष्ण कन्हैया,
सुने जमुना के तट,
सुने सारे पनघट,
आजा रे ओ कृष्ण कन्हैया,
कन्हैया.... कन्हैया.... ओ रे कन्हैया।
श्याम रंग रंगा रे,
हर पल मेरा रे।
मेरा मतवाला है मन,
मधुबन तेरा रे,
श्याम रंग रंगा रे,
हर पल मेरा रे।
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