राम भजन
बोलिये सियापति रामचंद्र की जय
अवधपुर मा धूम मची,
घर लौटे रे रमैया,
अवधपुर मा धूम मची,
घर लौटे रे रमैया।
दाएं हाथे धनुष भर सोहे,
बाएं सिया मैया,
बाएं सिया मैया,
अवधपुर मा धूम मची,
घर लौटे रे रमैया,
अवधपुर मा धूम मची,
घर लौटे रे रमैया।
आगे राम जी, पाछे हनुमत,
बीच मा लक्ष्मण भइया,
बीच मा लक्ष्मण भइया,
अवधपुर मा धूम मची,
घर लौटे रे रमैया,
अवधपुर मा धूम मची,
घर लौटे रे रमैया।
घर-घर नौ लख,
दियना जलत हैं,
घर-घर होत बधैया,
घर-घर होत बधैया
अवधपुर मा धूम मची,
घर लौटे रे रमैया,
अवधपुर मा धूम मची,
घर लौटे रे रमैया।