शिव भजन
शिव शम्भू तेरे दर्शन पाके,
हो गए हैं हम निहाल,
हाथ जोड़ कर मांगे तुझसे,
देदो भक्ति अपार,
देदो भक्ति अपार।
शिव पृथ्वी है, शिव अम्बर है,
वायु, अग्नि, जल भी शिव है,
काल हो नर कंकाल तुम्ही हो,
सुन्दर सत्य कपाल तुम्ही हो,
तुम नश्वर तुमसे ही उपजे,
देव दनुज की नाल तुम्ही हो,
तुम हो बवंडर, तुम हो भयंकर,
तुम हो मेरे शंकर,
मैं हूँ दास तुम्हारा,
तुम मेरे महाकाल हो,
मैं हूँ दास तुम्हारा,
तुम मेरे महाकाल हो।
तुम हो आदि, तुम हो अनादि,
तुम हो विष्णु, तुम ब्रह्मादि,
अगम अगोचर ॐ तुम्ही हो,
नश्वर तुम भोले अनुरागी,
हे गंगाधर, त्रिनेत्रधारी,
देवो के देव, तुम महादेव हो,
तुम हो बवंडर, तुम हो भयंकर,
तुम्ही हो महेश्वर,
मैं हूँ दास तुम्हारा,
तुम मेरे महाकाल हो,
मैं हूँ दास तुम्हारा,
तुम मेरे महाकाल हो।
सब देवो को, फूल हैं चढ़ते,
तुमको भाये, भंग धतूरा,
बेल पत्र या शमी पत्र हो,
भस्म रमाये, तेरे शरीरा,
रहते हो तक़दीर में बन कर,
तुम हो मेरे मन के अंदर,
तुम हो बवंडर, तुम हो भयंकर,
तुम जटाशंकर,
मैं हूँ दास तुम्हारा,
तुम मेरे महाकाल हो,
मैं हूँ दास तुम्हारा,
तुम मेरे महाकाल हो।
शिव पृथ्वी है, शिव अम्बर है,
वायु, अग्नि, जल भी शिव है,
काल हो नर कंकाल तुम्ही हो,
सुन्दर सत्य कपाल तुम्ही हो,
तुम नश्वर तुमसे ही उपजे,
देव दनुज की नाल तुम्ही हो,
तुम हो बवंडर, तुम हो भयंकर,
तुम हो मेरे शंकर,
मैं हूँ दास तुम्हारा,
तुम मेरे महाकाल हो,
मैं हूँ दास तुम्हारा,
तुम मेरे महाकाल हो।