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शिव भजन
कैलाश वासी देवता,
दीनानाथ हैं विश्वनाथ हैं।
वामांग सोहे अम्बिका,
दीनानाथ हैं विश्वनाथ हैं।
कैलाश वासी देवता।
जयति जय अम्बे भवानी,
जयति जय शिव पशुपति।
शिव भाल सोहे चंद्रमा,
सोहे जटा भागीरथी
प्रभु नीलकंठ दिगंबरा,
शोभा अतुल छवि राज की।
नागेश जन जन के पिता,
दीनानाथ है विश्वनाथ
वामांग सोहे अम्बिका,
दीनानाथ हैं विश्वनाथ हैं।
कैलाश वासी देवता।
शिव से ही सोहे जीव वन,
सोहे सकल ये वसुन्धरा
पर्वत सलिल सागर नदी में,
व्याप्त शिव परमेश्वरा,
सृष्टि में जिनसे भव्यता,
दीनानाथ है विश्वनाथ है
वामांग सोहे अम्बिका,
दीनानाथ हैं विश्वनाथ हैं।
कैलाश वासी देवता।
जयति जय अम्बे भवानी,
जयति जय शिव पशुपति।
प्रभु आशुतोष त्रिदोष,
हर कल्याण करते सर्वदा।
डमरू के मंद मंद ताल पर,
करते हैं तांडव शिव सदा।
भोली है जिनकी उदारता,
दीनानाथ हैं विश्वनाथ हैं।
वामांग सोहे अम्बिका,
दीनानाथ हैं विश्वनाथ हैं।
कैलाश वासी देवता,
दीनानाथ हैं विश्वनाथ हैं।