दरबार हजारो देखे है,
पर माँ के दर सा कोई,
दरबार नही, जिस गुलशन में,
माँ का नूर ना हो,
ऐसा तो कोई गुलज़ार नही,
दुनिया से भला मै क्या माँगु,
दुनिया तो एक भीखारन है,
माँगता हूँ अपनी माता से,
जहाँ होता कभी इनकार नही॥
मैय्या है मेरी शेरोवाली,
शान है माँ की बड़ी निराली,
सच्चा है माँ का दरबार,
मैय्या का जवाब नही,
बड़ा सच्चा है माँ का दरबार,
मैय्या का जवाब नही॥
ऊँचे पर्वत भवन निराला,
भवन मे देखो सिंघ विशाला,
सिंघ पे है मैय्या जी सवार,
मैय्या का जवाब नही,
बड़ा सच्चा है माँ का दरबार,
मैय्या का जवाब नही॥
हाथो में कंगना खन खन खनके,
खन खन खनके, खन खन खनके,
माथे की बिंदियां चम चम चमके,
चम चम चमके, चम चम चमके,
लाल गले में हार,
मैय्या का जवाब नही॥
मेरी माँ है दुर्गा, माँ है काली,
भक्तो की झोली भरने वाली मैया,
करती बेड़ा पार, मैय्या का जवाब नही,
बड़ा सच्चा है माँ का दरबार,
मैय्या का जवाब नही॥
नंगे पेरौ अकबर आया,
ला सोने छत्र चढ़ाया,
दुर किया अहंकार,
मैय्या का जवाब नही,
सच्चा है माँ का दरबार,
मैय्या का जवाब नही॥
मैय्या है मेरी शेरोवाली,
शान है माँ की बड़ी निराली,
सच्चा है माँ का दरबार,
मैय्या का जवाब नही,
बड़ा सच्चा है माँ का दरबार,
मैय्या का जवाब नही॥