ना ये तेरा ना ये मेरा, मंदिर है भगवान का,
पानी उसका भूमि उसी की, सब कुछ उसी महान का,
ना ये तेरा, ना ये मेरा, ना ये मेरा।
हम सब खेल खिलोने उसके, खेल रहा करता रे,
उसकी ज्योति सब में दमके, सब में उसका प्यार रे,
मन मंदिर में, दर्शन करले, उन प्राणों के प्राण का,
पानी उसका भूमि उसी की, सब कुछ उसी महान का,
ना ये तेरा, ना ये मेरा, ना ये मेरा।
तीरथ जाए मंदिर जाए अन गिन देव मनाये रे,
दीन रूप में राम सामने, देख के नैन फिराए रे,
मन की आँखे खुल जाए तो, क्या करना हमे ज्ञान का,
पानी उसका भूमि उसी की, सब कुछ उसी महान का,
ना ये तेरा, ना ये मेरा, ना ये मेरा।
कौन है उच्चा, कौन है नीचा, सब है एक समान रे,
प्रेम की ज्योत जगा हृदय में, सब में प्रभु पहचान रे,
सरल हृदय को, शरण में राखे, हरी भोले नादान का,
पानी उसका भूमि उसी की, सब कुछ उसी महान का,
ना ये तेरा ना ये मेरा, मंदिर है भगवान का,
पानी उसका भूमि उसी की, सब कुछ उसी महान का।