जलाई... जलाई.... जलाई...,
एक वानर ने लंका जलाई,
जलाई जलाई जलाई,
बजरंगी ने लंका जलाई,
कूदे वो डाली डाली,
कर दी है बगिया खाली,
मार दिया है जम्बू माली,
चप्पे चप्पे में आग लगाईं,
घुमाई, घुमाई, घुमाई,
उसने ऐसी है पूछ घुमाई,
हाय
जलाई, जलाई, जलाई,
एक वानर ने लंका जलाईं।
वो तो वीर है बांका लड़ाका,
सारी नगरी में किया धमाका,
किसी के सर को फोड़ा,
किसी की टांग है तोड़ा,
वो ऐसा घुसा मारे,
दिखाता दिन में तारे,
मची है हाहाकारी,
अकेला सब पर भारी,
उसने ऐसी है गदा चलाई,
हाय, हाय, हाय,
जलाई, जलाई, जलाई,
एक वानर ने लंका जलाईं,
घुमाई, घुमाई, घुमाई,
उसने ऐसी है पूछ घुमाई।
लड़ने अक्षय कुमार भी आया,
मारी एक लात मार गिराया,
फिर मेघनाथ है आया,
जब नहीं जीत वो पाया,
है ब्रह्म का अस्त्र चलाया,
तो समझ राम की माया,
चले वो बंदी बनके,
काल बनके रावण के,
जब पूछ में आग लगाई,
हाय, हाय, हाय,
जलाई जलाई जलाई,
एक वानर ने लंका जलाईं,
घुमाई, घुमाई, घुमाई,
उसने ऐसी है पूछ घुमाई।
राजपाल महाकाल आए,
अंजनी का लाल कहाये,
जो है श्री राम का प्यारा,
माता सीता का दुलारा,
बल देता देवे बुद्धि,
करता जो इनकी भक्ति,
‘लक्खा’ जयकार लगावे,
बजरंग की महिमा गावे,
बांकी सूरत है मन में समाई,
समाई, समाई, समाई,
बांकी छवि मेरे मन में समाई,
करता हूँ इनकी भक्ति,
मिलती है मुझको शक्ति,,
जब भी अटकी है नाव चलाई,
समाई, समाई, समाई,
मेरे मन में है सूरत समाई,
बजरंग की है सूरत समाई।