राम भजन
जिस राह चलायें रघुनंदन,
उस राह पे तू चलता जा रे!
जब राम ही तेरा सहारा हैं,
फिर चिंता क्या करना प्यारे!
ये जीवन एक बटोही है,
नौका भी प्रभु पतवार प्रभु !
तू बस प्रवाह में बहता चल,
तट भी हैं प्रभु मझधार प्रभु!
जब सब कुछ उनके हाथ में है,
किस कारण फिर डरना प्यारे !
जब राम ही तेरा सहारा हैं,
फिर चिंता क्या करना प्यारे!
ये सुख दुख जैसे धूप-छाँव,
क्या ख़ुश होना क्या घबराना!
सब जानकीनाथ की लीला है,
अपने मन को ये समझाना!
बस एक भाव में चलता चल,
कभी डर कर ना रुकना प्यारे!
जब राम ही तेरा सहारा हैं,
फिर चिंता क्या करना प्यारे!
जिन मर्यादा पुरुषोत्तम ने,
हर एक परीक्षा दी ख़ुद से!
कुछ सीख ले मानव तू उनसे,
क्या थम जाना थोड़े दुख से!
वो सुनते हैं सबके मन की,
किसी और से क्या कहना प्यारे!
जब राम ही तेरा सहारा हैं,
फिर चिंता क्या करना प्यारे!
