माता भजन
तेरा रूप मैं संवारूं,
तेरी आरती उतारूं,
तेरा भजन करूं मैं सुबहो शाम।
तेरे दर्शन से बन जाएं,
मेरे सारे काम,
तेरा रूप मैं संवारूं,
तेरी आरती उतारूं,
तेरा भजन करूं मैं सुबहो शाम।
महिमा तुम्हारी, भक्त जो गाए,
मनचाहा वर, पल में वो पाए,
तेरा सुमिरन करूं मैं,
तेरा वंदन करूं मैं,
मुझे और ना दूजा कोई काम,
तेरा रूप मैं संवारूं,
तेरी आरती उतारूं,
तेरा भजन करूं मैं सुबहो शाम।
नित फूलों का, हार चढ़ाऊं,
श्रद्धा के मैं, दीप जलाऊं,
तेरा मुखड़ा निहारूं,
तुझे दिल से पुकारूं,
रहे होठों पे मेरे तेरा नाम,
तेरा रूप मैं संवारूं,
तेरी आरती उतारूं,
तेरा भजन करूं मैं सुबहो शाम।
तेरे चरण में, शीश झुकाया,
मां तेरी ममता, की हो छाया,
तेरा दर है ठिकाना,
कहीं और नहीं जाना,
तेरे चरणों में मेरे चारो धाम,
तेरा रूप मैं संवारूं,
तेरी आरती उतारूं,
तेरा भजन करूं मैं सुबहो शाम।
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