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हनुमान भजन
हनुमत डटे रहो आसन पर,
जब तक कथा राम की होय।
कथा राम की होय,
जब तक कथा राम की होय,
हनुमत डटे रहो आसन पर,
जब तक कथा राम की होय।
माथे इनके मुकुट विराजे,
कानन कुंडल सोहे,
एक काँधे पर राम विराजे,
दूजे लक्ष्मण होय,
हनुमत डटे रहो आसन पर,
जब तक कथा राम की होय।
सावन बरसे बादल गरजे,
पवन चले पुरवाई,
एक ही वृक्ष के नीचे भीजें,
राम लखन दोऊ भाई,
हनुमत डटे रहो आसन पर,
जब तक कथा राम की होय।
एक काँधे पर गदा सोहे,
दूजे परवत होय,
लड्डुअन का तेरा भोग लगत है,
हाथ पसारे लोग,
हनुमत डटे रहो आसन पर,
जब तक कथा राम की होय।
तुलसीदास आस रघुवर की,
हरि चरणन चित होय,
अंग तुम्हारे चोला सोहे,
लाल लंगोटा होय,
हनुमत डटे रहो आसन पर,
जब तक कथा राम की होय।
हनुमत डटे रहो आसन पर,
जब तक कथा राम की होय,
कथा राम की होय,
जब तक कथा राम की होय,
हनुमत डटे रहो आसन पर,
जब तक कथा राम की होय।
