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प्रभु भजन
विनय मेरी सुन लो, जगत के विधाता,
सुना है तू दुखियों की, बिगड़ी बनाता,
विनय मेरी सुन लो, जगत के विधाता॥
तू ही एक जग में, जो सबको सम्भाले,
ये जीवन की नैया, भँवर से बचा ले,
तू दे के सहारा, गिरों को उठाता,
सुना है तू दुखियों की, बिगड़ी बनाता,
विनय मेरी सुन लो, जगत के विधाता॥
हैं जीवन की डोरी, प्रभु हाथ तेरे,
हैं क्यों फिर भी चिंता, मेरे मन को है घेरे,
करू प्रार्थना, मन को तुझ में रमाता,
सुना है तू दुखियों की, बिगड़ी बनाता,
विनय मेरी सुन लो, जगत के विधाता॥
तू सुनता है मन को, यकीं कैसे आए,
तू टोके है मन जब, बुरे रस्ते जाए,
तू ही तरह से हरदम, है नेकी सिखाता,
सुना है तू दुखियों की, बिगड़ी बनाता,
विनय मेरी सुन लो, जगत के विधाता॥
शरण में लगा लो, मुझे नाथ मेरे,
मेरे नाथ काटो, ये जन्मों के फेरे,
तेरा नाम लेले, ये जीवन बिताता,
सुना है तू दुखियों की, बिगड़ी बनाता,
विनय मेरी सुन लो, जगत के विधाता॥