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हनुमान भजन
पवन तनय संकट हरण
मंगल मूर्ति रूप
राम लखन सीता सहित
हृदय बसहु सुर भूप।
अंजनी का लाला, बड़ा मतवाला,
हवा में उड़ता जाए रे, मेरा राम दुलारा,
हवा में उड़ता जाए रे, मेरा राम दुलारा।
इक दिन देखा मैंने, अवधपुरी में,
अवधपुरी में रामा, अवधपुरी में,
राम की लगन लगाए रे, मेरा राम दुलारा,
हवा में उड़ता जाए रे, मेरा राम दुलारा।
एक दिन देखा, सुमेरु पर्वत पे,
सुमेरु पर्वत पे, सुमेरु पर्वत पे,
संजीवनी बूटी लाए रे, मेरा राम दुलारा,
हवा में उड़ता जाए रे, मेरा राम दुलारा।
एक दिन देखा मैंने, लंकापुरी में,
लंका पुरी में रामा, लंकापुरी में,
सोने की लंका जलाए रे, मेरा राम दुलारा,
हवा में उड़ता जाए रे, मेरा राम दुलारा।
एक दिन देखा, आकाशपुरी में,
आकाशपुरी में, आकाशपुरी में,
सूरज को निगल जो डाले रे,
मेरा राम दुलारा,
हवा में उड़ता जाए रे, मेरा राम दुलारा।