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प्रभु भजन
हरी ॐ.. हरी ॐ..
हरी ॐ.. हरी ॐ..
मन तड़पत हरि दर्शन को आज
मोरे तुम बिन बिगड़े सगरे काज
विनती करत हूँ रखियो लाज
मन तड़पत हरि दर्शन को आज॥
तुम्हरे द्वार का मैं हूँ जोगी
तुम्हरे द्वार का मैं हूँ जोगी
हमरी ओर नज़र कब होगी
सुनो मोरे व्याकुल मन का बात
मन तड़पत हरि दर्शन को आज॥
बिन गुरू ज्ञान कहाँ से पाऊँ ?
बिन गुरू ज्ञान कहाँ से पाऊँ ?
दीजो दान हरी गुन गाऊँ
सब गुनी जन पे तुम्हारा राज
मन तड़पत हरि दर्शन को आज॥
मुरली मनोहर आस न तोड़ो
दुख भंजन मोरा साथ न छोड़ो
मोहे दरसन भिक्षा दे दो आज, दे दो आज
मन तड़पत हरि दर्शन को आज॥
हरी ॐ.. हरी ॐ..
हरी ॐ.. हरी ॐ..