हनुमान भजन
राम जी के परम
भक्त हनुमान है,
बुद्धि, बल, विवेक
जिनका कीर्तिमान है,
श्री राम जी के परम
भक्त हनुमान है,
बुद्धि, बल, विवेक
जिनका कीर्तिमान है।
मन में उनके बसते
लखन सिया-राम है,
करते उनकी सेवा
प्रभु सुबह-शाम है।
राम जी के परम
भक्त हनुमान है,
बुद्धि, बल, विवेक
जिनका कीर्तिमान है,
श्री राम जी के परम
भक्त हनुमान है,
बुद्धि, बल, विवेक
जिनका कीर्तिमान है।
मुझ पर अपनी
कृपा यूही रखना,
दास मैं हूँ मेरी
खबर रखना।
नाम से तुम्हारे
प्रभु मेरा नाम है,
हर घड़ी जुबां पर
आप का ही नाम है।
राम जी के परम
भक्त हनुमान है,
बुद्धि, बल, विवेक
जिनका कीर्तिमान है,
श्री राम जी के परम
भक्त हनुमान है,
बुद्धि, बल, विवेक
जिनका कीर्तिमान है।
प्रभु श्री राम जी
के प्यारे हो,
हमें हर कष्ट से
उबारे हो।
श्री राम का वो गाते
यश बड़ा महान है,
भक्तों में परम
हमारे हनुमान है।
राम जी के परम
भक्त हनुमान है,
बुद्धि, बल, विवेक
जिनका कीर्तिमान है,
श्री राम जी के परम
भक्त हनुमान है,
बुद्धि, बल, विवेक
जिनका कीर्तिमान है।
मन में उनके बसते
लखन सिया-राम है,
करते उनकी सेवा
प्रभु सुबह-शाम है,
राम जी के परम
भक्त हनुमान है,
बुद्धि, बल, विवेक
जिनका कीर्तिमान है,
राम जी के परम
भक्त हनुमान है,
बुद्धि, बल, विवेक
जिनका कीर्तिमान है।