शिव शिव शंभू हर शंभू,ओ भोले भंडारी,
तुझसे ही तो चलती है, सृष्टि ये सारी,
मेरी जिंदगी में आके शंकर ने,है बस सवारा मुझे,
ये हकीकत है तुझ से ज्यादा,ना अब कोई प्यारा मुझे,
रात दिन ख्वाब तेरे ही देखूं,थोड़ी तू झलक दे जरा,
मेरा तो पहला और आखिरी,तू इश्क है शंकरा।
तू जो कभी मुझसे होगा जुदा,तो मैं बिखर जाऊंगा,
भोला तू है, बहुत सीधा साधा,तू है तो मैं तर जाऊंगा,
मुझको भोले तेरा ही गुरूर,रूह में बस तेरा ही फितूर,
रात दिन ख्वाब तेरे ही देखूं,थोड़ी तू झलक दे जरा,
मेरा तो पहला और आखिरी,तू इश्क है शंकरा।
महफिलों में, जो ना रहे कोई,फिर भी तू मेहरबान है,
यह जीवन तो, इस जमी पर,चंद दिनों का मेहमान है,
वरना होगा, जुदा तू मेरे दिल से,
रहेगा हर जन्म तू मेरा सदा,
शिव बसे है, मेरी तो इस रूह में,
तुझ बिन ना कोई कर पाएगा,
तुझ से जुदा, हर लफ्ज में तेरा,
जिक्र करू, तू संग भोले,तो क्यों फिक्र करू,
रात दिन ख्वाब तेरे ही देखूं,थोड़ी तू झलक दे जरा,
मेरा तो पहला और आखिरी,तू इश्क है शंकरा।
मुझको तेरा ही रहना,कुछ भी ना कहना,
भक्ति में तेरी बहते रहना,तू तो सबका है भोले,
चाहे फूल हो या टहना,तेरी कृपा से सीखा, गम सहना,
मुझको तेरा ही रहना,कुछ भी ना कहना,
भक्ति में तेरी बहते रहना,तू तो सबका है भोले,
चाहे फूल हो या टहना,तेरी कृपा से सीखा, गम सहना।