
कृष्ण भजन
अरे बजी श्याम की बाँसुरिया,
बाँसुरिया, बाँसुरिया हाय राम
बजी कहाँ श्याम की बाँसुरिया,
ओ बजी श्याम की बाँसुरिया ......
बजी श्याम की बाँसुरिया,
बाँसुरिया, बाँसुरिया हाय राम
बजी कहाँ श्याम की बाँसुरिया
हाय राम।
ब्रह्मा भूले विष्णु भूले
भूले नारद ज्ञानी
तप करना कैलाश पे भूले
भोले औघड़ दानी
हो भूले भांग की गठरिया,
गठरिया, गठरिया हाय राम
बजी कहाँ श्याम की बाँसुरिया
हाय राम।
मौन हुए पंछीगण सारे
गाय चरन बिसराई
जमुना जी की
धारा रुक गयी
ऐसी तान सुनाई
ओ बैठे डाल पे सांवरिया
सांवरिया सांवरिया हाय राम
बजी कहाँ श्याम की बाँसुरिया
हाय राम।
दूध दही बेचन को ग्वालन
मथुरा जा नहीं पाई
कृष्ण कन्हैया मुरली वाले
ऐसी तान सुनाई
ओ भूली राह में गुजरिया
गुजरिया गुजरिया हाय राम
बजी कहाँ श्याम की बाँसुरिया
हाय राम।
राधा के संग कृष्ण कन्हाई
हिलमिल रास रचाये
वो छवि देखन को फिर शर्मा
मन ही मन ललचाये
ओ तरसे नैनो की पुतरिया
पुतरिया पुतरिया हाय राम
बजी कहाँ श्याम की बाँसुरिया
हाय राम।
बजी श्याम की बाँसुरिया ........