श्री कृष्ण भजन
मैं आरती तेरी गाऊ, ओ केशव कुञ्ज बिहारी
मैं आरती तेरी गाऊ, ओ केशव कुञ्ज बिहारी
मैं नित नित शीश नवाऊ, ओ मोहन कृष्ण मुरारी
मैं नित नित शीश नवाऊ, ओ मोहन कृष्ण मुरारी
है तेरी छवि अनोखी, ऐसी ना दूजी देखी
है तेरी छवि अनोखी, ऐसी ना दूजी देखी
तुझ सा ना सुन्दर कोई, ओ मोर मुकुटधारी
तुझ सा ना सुन्दर कोई, ओ मोर मुकुटधारी
मैं आरती तेरी गाऊ, ओ केशव कुञ्ज बिहारी
माखन की मटकी फोड़ी, गोपिन संग अंखिया जोड़ी
माखन की मटकी फोड़ी, गोपिन संग अंखिया जोड़ी
ओ नटखट रसिया तुझ पे, जाऊं मैं तो बलिहारी
ओ नटखट रसिया तुझ पे, जाऊं मैं तो बलिहारी
मैं आरती तेरी गाऊ, ओ केशव कुञ्ज बिहारी
ऊँगली पे गिरी उठाया, सारे गोकुल को बचाया
ऊँगली पे गिरी उठाया, सारे गोकुल को बचाया
जय जय हो तेरी जय हो, गिरिराज धारण गिरिधारी
जय जय हो तेरी जय हो, गिरिराज धारण गिरिधारी
मैं आरती तेरी गाऊ, ओ केशव कुञ्ज बिहारी
जब जब तू बंसी बजाए, सब अपनी सुध खो जाए
जब जब तू बंसी बजाए, सब अपनी सुध खो जाए
तू सब का सब तेरे प्रेमी, ओ कृष्णा प्रेम अवतारी
तू सब का सब तेरे प्रेमी, ओ कृष्णा प्रेम अवतारी
मैं आरती तेरी गाऊ, ओ केशव कुञ्ज बिहारी
जो आए शरण तिहारी, विपदा मिट जाए सारी
जो आए शरण तिहारी, विपदा मिट जाए सारी
हम सब पर कृपा रखना, ओ जगत के पालनहारी
हम सब पर कृपा रखना, ओ जगत के पालनहारी
मैं आरती तेरी गाऊ, ओ केशव कुञ्ज बिहारी
राधा संग प्रीत लगायी, और प्रीत की रीत चलायी
राधा संग प्रीत लगायी, और प्रीत की रीत चलायी
तुम राधा रानी के प्रेमी, जय राधे रास बिहारी
तुम राधा रानी के प्रेमी, जय राधे रास बिहारी
मैं आरती तेरी गाऊ, ओ केशव कुञ्ज बिहारी
मैं आरती तेरी गाऊ, ओ केशव कुञ्ज बिहारी
मैं नित नित शीश नवाऊ, ओ मोहन कृष्ण मुरारी
मैं नित नित शीश नवाऊ, ओ मोहन कृष्ण मुरारी