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राम भजन
चिंता करे बलाये हमारी,
इस माया जंजाल की,
बलिहारी बलिहारी बोलो,
दशरथ नंदन लाल की,
बलिहारी बलिहारी बोलो,
दशरथ नंदन लाल की,
बलिहारी बलिहारी बोलो॥
जिस मालिक ने जनम दिया है,
अन्न वस्त्र भी देवेगा,
सर ढकने को छत भी देवेगा,
खबर हमारी लेवेगा,
भजन करो निर्भय होके तुम,
भजन करो निर्भय हो चिंता
छोड़ो रोटी दाल की,
बलिहारी बलिहारी बोलो,
दशरथ नंदन लाल की,
बलिहारी बलिहारी बोलो,
दशरथ नंदन लाल की,
बलिहारी बलिहारी बोलो॥
भोग भाग्य से मिलेगा चाहे,
घर में हो या बाहर हो,
भाग्य बिना कोई भोग ना पावे,
तीली हो या नाहर हो,
शांत रहो हर हाल में तुम,
शांत रहो हर हाल में शरणा,
रहो कौशल्या लाल की,
बलिहारी बलिहारी बोलो,
दशरथ नंदन लाल की,
बलिहारी बलिहारी बोलो,
दशरथ नंदन लाल की,
बलिहारी बलिहारी बोलो॥
भिक्षु कहे इस काया से तुम,
मोह ममता का त्याग करो,
एक दिन जलकर राख बनेगी,
कभी ना इसमें राग करो,
गोरी हो या काली हो,
पर चादर है ये खाल की,
बलिहारी बलिहारी बोलो,
दशरथ नंदन लाल की,
बलिहारी बलिहारी बोलो,
दशरथ नंदन लाल की,
बलिहारी बलिहारी बोलो॥