जगन्नाथ भजन
शोभा तेरी सबसे प्यारी हे जगन्नाथ,
शोभा तेरी सबसे प्यारी।
अरे महिमा तेरी सबसे न्यारी हे जगन्नाथ,
महिमा तेरी सबसे न्यारी।
भैया बलभद्र संग में विराजे सदा,
दीदी संग में सुभद्रा भी साजें सदा,
तीनों नीलांचल पर्वत पे राजें सदा।
अरे शोभा तेरी सबसे प्यारी हे जगन्नाथ,
शोभा तेरी सबसे प्यारी।
हाँ महिमा तेरी सबसे न्यारी हे जगन्नाथ,
महिमा तेरी सबसे न्यारी।
जय बलदाऊ, जय सुभद्रा, जय जय जगन्नाथ,
जय बलदाऊ, जय सुभद्रा, जय जय जगन्नाथ।
रथ पे विराजें है जब तीनो संग में,
रंग जाए जग सारा भक्ति के रंग में,
रथ पे विराजें है जब तीनो संग में,
रंग जाए जग सारा भक्ति के रंग में,
रंग जाए जग सारा भक्ति के रंग में,
झाँकी लगे है मनहारी हे जगन्नाथ,
झाँकी लगे है मनहारी,
शोभा तेरी सबसे प्यारी हे जगन्नाथ,
शोभा तेरी सबसे प्यारी।
जय बलदाऊ, जय सुभद्रा, जय जय जगन्नाथ,
जय बलदाऊ, जय सुभद्रा, जय जय जगन्नाथ।
रथयात्रा का दर्शन सबसे निराला,
बिन माँगे मनचाहा फल देनेवाला,
रथयात्रा का दर्शन सबसे निराला,
बिन माँगे मनचाहा फल देनेवाला,
बिन माँगे मनचाहा फल देनेवाला,
फलती है कामना सारी जय जगन्नाथ,
फलती है कामना सारी,
शोभा तेरी सबसे प्यारी हे जगन्नाथ,
महिमा तेरी सबसे न्यारी।
जय बलदाऊ, जय सुभद्रा, जय जय जगन्नाथ,
जय बलदाऊ, जय सुभद्रा, जय जय जगन्नाथ,
जय बलदाऊ, जय सुभद्रा, जय जय जगन्नाथ,
जय बलदाऊ, जय सुभद्रा, जय जय जगन्नाथ।