To Listen This Bhajan 👇
राम कृष्ण भजन
राम सुमिर के, रहम करे ना,
फ़िर कैसे सुख पायेगा,
कृष्ण सुमिर के, कर्म करे ना,
यूं ही जग से जायेगा,
राम सुमिर के, रहम करे ना,
फ़िर कैसे सुख पायेगा।
ओ भगवान को भजने वाले,
क्या भगवान को जाना है,
पास पड़ोस दुखी-दीनों में,
क्या उसको पहचाना है,
क्या उसको पहचाना है,
जब तक तेरी खुदी न टूटे,
खुदा नजर न आयेगा,
राम सुमिर के, रहम करे ना,
फ़िर कैसे सुख पायेगा।
ये संसार कर्म की खेती,
जो बोये वो ही पाये,
जो बोये वो ही पाये,
प्रेम प्यार से सींच ले जीवन,
ये अवसर फ़िर न आये,
ये अवसर फ़िर न आये,
चार दिनों का जीवन है ये,
कब तक ठोकर खायेगा,
राम सुमिर के, रहम करे ना,
फ़िर कैसे सुख पायेगा।
अंतर तेरे अन्तर्यामी,
रोज तुझे समझाता है,
भला बुरा क्या करना तुझको,
राह तुझे दिखलाता है,
राह तुझे दिखलाता है,
मन की कही पे चलने वाले,
फ़िर पीछे पछतायेगा,
राम सुमिर के, रहम करे ना,
फ़िर कैसे सुख पायेगा।
शरण गये बिन, जाप है निष्फ़ल,
निष्फल है जीवन तेरा,
निष्फल है जीवन तेरा,
जनम मरण की आस न छूटे,
रहे दुखों से नित घेरा,
रहे दुखों से नित घेरा,
पाप गठरिया भारी हो गयी,
कैसे बोझ उठायेगा,
राम सुमिर के, रहम करे ना,
फ़िर कैसे सुख पायेगा,
कृष्ण सुमिर के, कर्म करे ना,
यूं ही जग से जायेगा।