ऋषि मार्कण्डेय को तूने,
काल से प्रभू बचाया,
आया जो भी शरण तुम्हारी,
उसका मान बढ़ाया,
आया हू मैं भी दर पे तेरे,
हे भोले भंडारी,
तुमने अपने भक्त को बाबा,
कभी नहीं ठुकराया।
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय।
जय हो शिव भोला भंडारी,
लीला अपरंपार तुम्हारी,
लेके नाम, तेरा नाम,
तेरे धाम आ गए।
तेरे भक्त पे संकट भारी,
रक्षा करिये हे त्रिपुरारी,
लेके नाम, तेरा नाम,
तेरे धाम आ गए॥
मेरी विनती सुनो हे अवनाशी,
किरपा करदो प्रभु घट-घट वासी।
अब तो लेलो खबर हमारी,
तुम हो भक्तो के हितकारी,
लेके नाम, तेरा नाम,
तेरे धाम आ गए॥
मेरी नैया फसी प्रभु मझधार में,
कोई तुमसा दयालु न संसार में।
माना पतित बड़ा भारी,
भोले आप हो मंगलकारी,
लेके नाम, तेरा नाम,
तेरे धाम आ गए॥
आप के चरणों की धूल जो पाएंगे,
सारे बादल वो दुःख के छट जायेगे।
तूने उसकी बिपदा टाली,
आया शरण जो नाथ तुम्हारी,
लेके नाम, तेरा नाम,
तेरे धाम आ गए॥
जय हो शिव भोला भंडारी,
लीला अपरंपार तुम्हारी।
लेके नाम, तेरा नाम,
तेरे धाम आ गए,
तेरे भक्त पे संकट भारी,
रक्षा कीजिये हे त्रिपुरारी,
लेके नाम, तेरा नाम,
तेरे धाम आ गए॥