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शिव भजन
हे नटराजन अंतरयामी,
बिनती सुनो हमारी,
द्वार तिहारे, आस लगाकर,
आए हैं त्रिपुरारी।
जय भोले भण्डारी,
जय भोले भण्डारी।
तुम देवों के देव हो शंकर,
लगने दो ना काँटा-कंकण।
नीलकंठ कहलाए,
विष की धारा ही पी डाली।
हे नटराजन अंतरयामी,
बिनती सुनो हमारी,
द्वार तिहारे, आस लगाकर,
आए हैं त्रिपुरारी।
जय भोले भण्डारी,
जय भोले भण्डारी।
जिस पर तूने दृष्टि कर दी,
उसके अंदर सृष्टि भर दी।
प्रलय के सागर से तूने ही,
नैया पार उतारी।
हे नटराजन अंतरयामी,
बिनती सुनो हमारी,
द्वार तिहारे, आस लगाकर,
आए हैं त्रिपुरारी।
जय भोले भण्डारी,
जय भोले भण्डारी।
तीन लोक की कर के रचना,
वस्त्र विभूत का तूने पहना।
समझ-समझ के, समझ ना आए,
तेरी महिमा न्यारी।
हे नटराजन अंतरयामी,
बिनती सुनो हमारी,
द्वार तिहारे, आस लगाकर,
आए हैं त्रिपुरारी।
हे नटराजन अंतरयामी,
बिनती सुनो हमारी,
द्वार तिहारे, आस लगाकर,
आए हैं त्रिपुरारी।
जय भोले भण्डारी,
जय भोले भण्डारी।