माता भजन
देवी दुर्गे उमा, विश्व जननी, रमा, माँ तु तारा,
एक जगदंबे तेरा सहारा,
देवी दुर्गे उमा, विश्व जननी, रमा, माँ तु तारा,
एक जगदंबे तेरा सहारा।
है तू ही वैष्णवी मोह माया,
तूने सारे ही जग को बनाया।
चरण कमलों में माँ,
रहता मस्तक नवा, यह हमारा।।
एक जगदंबे तेरा सहारा,
देवी दुर्गे उमा, विश्व जननी, रमा, माँ तु तारा,
एक जगदंबे तेरा सहारा।
शैलजा स्कन्द माता भवानी,
पार्वती भद्रकाली मृडाणी।
सर्व बुद्धि प्रदे, अष्ट सिद्धि वर दे, त्रिपुरारा।।
एक जगदंबे तेरा सहारा,
देवी दुर्गे उमा, विश्व जननी, रमा, माँ तु तारा,
एक जगदंबे तेरा सहारा।
पुण्यवानों के घर सम्पदा तू,
पापियों के भवन आपदा तू।
कुल की लज्जा तू ही,
साधु श्रद्धा तू ही, गुण अपारा।।
एक जगदंबे तेरा सहारा,
देवी दुर्गे उमा, विश्व जननी, रमा, माँ तु तारा,
एक जगदंबे तेरा सहारा।
जिनके मुंडन की गले मालिका हैं,
सृञ्जति सञ्जति तालिका हैं।
रूप विकराली के, चण्डिके कालिके रुद्रतारा।।
एक जगदंबे तेरा सहारा,
देवी दुर्गे उमा, विश्व जननी, रमा, माँ तु तारा,
एक जगदंबे तेरा सहारा।
मन वचन दोनों ने हार खाई,
तेरा माया नहीं पार पाई।
क्या करें निर्वचन,
वेद नेति कथन, करके हारा।।
एक जगदंबे तेरा सहारा,
देवी दुर्गे उमा, विश्व जननी, रमा, माँ तु तारा,
एक जगदंबे तेरा सहारा।
हैं हज़ारों ही अपराध मेरा,
हूँ अधम पातकी तो भी तेरा।
दुष्ट होवे यदा, तो भी माँ को सदा, पुत्र प्यारा।।
एक जगदंबे तेरा सहारा,
देवी दुर्गे उमा, विश्व जननी, रमा, माँ तु तारा,
एक जगदंबे तेरा सहारा।